Mere Jeevan Sathi Shayari मेरे जीवन साथी यूँ साथ चलना मेरे थाम कर मेरी बाहें जब कभी पीछे मुड़ कर...
Author - Babeeta Atulker
चाहत को इस तरह उंगलियों पर
चाहत को इस तरह उंगलियों पर ना गीनो पास आओ ज़रा दिल में उतर कर देखो
दिल के रिश्तों का कोई नाम नहीं होता
दिल के रिश्तों का कोई नाम नहीं होताचाहत का कोई पैगाम नहीं होताजो चाहे तुम्हे खुद से भी ज्यादाऐसे...
तुम्हे पाकर खुद का पता भूल गई हूं
तुम्हे पाकर खुद का पता भूल गई हूं जिंदगी से भी ज्यादा तुम्हे चाहने लगी हूं कसम है तुम्हे कभी दगा न...
मेरी खामोशी को कभी पढ़ ना सके
मेरी खामोशी को कभी पढ़ ना सके वो मेरे दिल को कभी समझ ना सके वो आज दोनों ही चुप है … मनाए कौन