मेरी खामोशी को कभी पढ़ ना सके December 8, 20191,696 Views मेरी खामोशी को कभी पढ़ ना सके वो मेरे दिल को कभी समझ ना सके वो आज दोनों ही चुप है … मनाए कौन
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