किस्सा अहम् और वहम का (पूरा अवश्य पढ़ें)

सब कुछ अच्छा चल रहा था हम दोनों के बीच, फिर न जाने कहाँ से धीरे से अहम् आया और वहम को साथ लाया , अहम ने हम को मैं और तू में बदला ,और वहम ने अपनों को परायों में,
आज अहम् और वहम दोनों साथ हैं , पर हम दोनों अलग हो चुके हैं |

इसलिए आप सभी लोगों से निवेदन की इस अहम् और वहम के चक्कर में न पड़े, एक दूसरे के साथ सामंजस्य बनाये रखे और एक दूसरे को महत्त्व देते रहे, और अपने इस वैवाहिक जीवन का आनंद लेते रहे हैं|